चंडीगढ़. पंजाब में जब से चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली है तब से कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Congress President Navjot Singh Sidhu) उन पर अपनी बात को मनवाने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए हैं. इसी कड़ी में उन्होंने पहले सीएम चन्नी द्वारा नियुक्त किए एडवोकेट जनरल एपीएस दओल (APS Deol) को पद से हटवाया और उनकी जगह वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पटवालिया (DS Patwalia) को पंजाब का नया महाधिवक्ता नियुक्त करवाया. सिद्धू ने देओल की नियुक्ति पर विरोध जताया था. उनका कहना था कि देओल ने बेअदबी के बाद 2015 की पुलिस गोलीबारी की घटनाओं के मामलों में अदालत में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी (former Punjab DGP Sumedh Singh Saini) को ब्लैंकेट बेल दिलाई थी. इसके बाद इकबाल प्रीत सिंह सहोता (Iqbal Preet Singh Sahota) को पुलिस महानिदेशक नियुक्त किए जाने पर सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ दिया था. लेकिन इसके बाद उनकी यह इच्छा भी पूरी हो चुकी है और उनके स्थान पर अब सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को नियुक्त किया गया है.
सरकार को बिजली के मुद्दे पर घेरा
इसके बाद सिद्धू ने ही अपनी सरकार को बिजली के मुद्दे पर घेरा था और कहा था कि सभी घरेलू उपभोक्ताओं, विशेष रूप से शहरी घरेलू को बिजली की सस्ती और 24 घंटे की आपूर्ति देनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि हमें सभी घरेलू उपभोक्ताओं को निश्चित बिजली सब्सिडी देनी चाहिए. उन्होंने 3 रुपये प्रति यूनिट या सभी को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने को लेकर सरकार को घेरा था, जिसके बाद चन्नी सरकार ने लोगों को मुफ्त बिजली का देने का ऐलान किया था और लोगों के बिजली के बकाया बिल भी माफ कर दिए थे.रेत माफिया के खिलाफ आवाज़
रेत माफिया को लेकर सिद्धू ने कई बार चन्नी सरकार हमला बोला है. जिसके बाद पंजाब मंत्रिमंडल ने रेत और बजरी के लिए 5.50 रुपये प्रति घन फुट की नई दर को मंजूरी दी. सिद्धू ने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाया था कि राज्य में रेत माफिया का बोलबाला है और सरकार कुछ नहीं कर रही है.
सिद्धू ने राज्य सरकार को बिजली खरीद समझौतों को रद्द करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जिसके बाद इन्हें रद करने की प्रक्रिया भी पाइप लाइन में है
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